Makhanlal Chaturvedi लेबल असलेली पोस्ट दाखवित आहे. सर्व पोस्ट्‍स दर्शवा
Makhanlal Chaturvedi लेबल असलेली पोस्ट दाखवित आहे. सर्व पोस्ट्‍स दर्शवा
  सोमवार, १२ जुलै, २०१०   0 टिप्पणी(ण्या)

चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ
चाह नहीं, प्रेमी-माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ
चाह नहीं, सम्राटों के शव
पर हे हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के सिर पर
चढ़ूँ भाग्य पर इठलाऊँ
मुझे तोड़ लेना वनमाली
उस पथ पर देना तुम फेंक
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पर जायें वीर अनेक 

- माखनलाल चतुर्वेदी